श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की (Shri Radha Ji: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)
आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥ त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि ।पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ मुनि...