श्री जगन्नाथ आरती – चतुर्भुज जगन्नाथ (Shri Jagganath Aarti – Chaturbhuja Jagannatha)

चतुर्भुज जगन्नाथकंठ शोभित कौसतुभः ॥ पद्मनाभ, बेडगरवहस्य,चन्द्र सूरज्या बिलोचनः जगन्नाथ, लोकानाथ,निलाद्रिह सो पारो हरि दीनबंधु, दयासिंधु,कृपालुं च रक्षकः कम्बु पानि, चक्र पानि,पद्मनाभो, नरोतमः जग्दम्पा रथो व्यापी,सर्वव्यापी सुरेश्वराहा लोका राजो,...