श्री भगवत भगवान की है आरती! (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti)

श्री भगवत भगवान की है आरती,पापियों को पाप से है तारती। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,ये पंचम वेद निराला,नव ज्योति जलाने वाला।हरि नाम यही हरि धाम यही,यही जग...

आरती: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Arti Bhagwan Shri Sheetalnath Ji)

ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।घृत दीपक से करू आरती,घृत दीपक से करू आरती।तुम अंतरयामी,ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥ भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,दृढरथ पितु नामी,दृढरथ...

माँ महाकाली जी की आरती (Aarti: Maa Maha Kali)

जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।रतबीजा वध कारिणी माता।सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥ दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि।मधु और कैितभा नासिनी...

श्री बद्रीनाथ जी की आरती (Shri Badrinath Aarti)

पवन मंद सुगंध शीतल,हेम मंदिर शोभितम् ।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम् ।वेद ब्रह्मा करत स्तुति,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥॥ पवन मंद सुगंध...

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ पहली आरति श्रीजिनराजा,भव दधि पार उतार जिहाजा ।इह विधि मंगल...

आरती श्री भगवद्‍ गीता (Aarti Shri Bhagwat Geeta)

जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि,निर्मल मलहारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुखकारी ॥॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि,कारिणि मोद सदा ।भव-भय-हारिणि,तारिणि...